इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के क्या है लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार ?
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम आंतो से जुडी हुई एक समस्या है जिसके काफी लक्षण भी नज़र आते है इसके अलावा यह समस्या क्या है और इस समस्या से जुड़े आयुर्वेदिक उपचार क्या है इसके बारे में हम आज के लेख में बात करेंगे, इसलिए इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर से पढ़े ;
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम क्या है ?
आंत की मांसपेशियों में संकुचन हमारे आंत की दीवार मांसपेशियों की परत से मिलकर बनी होती है। जब हम भोजन करते हैं तो भोजन को पाचन तंत्र में भेजने की क्रिया के दौरान ये मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं, लेकिन जब मांसपेशियां सामान्य से अधिक सिकुड़ जाती हैं तो पेट में गैस बनने लगती है और सूजन आ जाती है जिसके कारण आंत कमजोर हो जाती है और भोजन को पाचन तंत्र में भेज नहीं पाती है। इसके कारण व्यक्ति को डायरिया होने लगता है और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या यही से उत्पन होती है।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या क्यों होती है ?
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अधिकतर रोगियों में तनाव के समय यह समस्या अधिक पाई जाती है। जैसे नए जॉब के शुरुआती दिन, इंटरव्यू का पहला दिन, या कोई दूसरा तनाव का कारण जिसके लिए मरीज संवेदनशील है।
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व्यक्तित्व विकार, अवसाद, चिंता, यौन शोषण और घरेलू हिंसा का इतिहास आंत्र सिंड्रोम को विकसित करने का एक प्रमुख जोखिम कारक है। आँतों से सम्बंधित ये गतिविधियां मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। और कई बार ये नियंत्रण सुचारू रूप से नहीं रह पाता। जिसके कारण इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या उत्पन होती जिसे मस्तिष्क–आंत विकार भी कहा जाता है।
इसके अलावा आप भी अगर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या से जूझ रहे है तो बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का सुझाव ले।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण क्या है ?
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कब्ज या दस्त की समस्या।
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वजन कम होना।
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भूख में कमी का आना।
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बुखार की समस्या।
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हाथों–पैरों में सूजन की समस्या।
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स्वभाव में आलस्य और चिड़चिड़ापन का आना।
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यदि इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या के वक़्त आपको मल त्याग करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करे।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का आयुर्वेद व घरेलू उपचार क्या है ?
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के उपचार की बात करे तो इसका उचित इलाज सही आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करके और इन डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाई का समय पर प्रयोग में लेने से आप इस समस्या से जल्दी निजात पा सकते है और ये ही बेहतरीन इलाज है।
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इसके अलावा कुछ घरेलू उपायों की बात करे तो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम होने पर एक चम्मच पिसा हुआ कड़ी पत्ता नियमित रूप से जरूर लें।
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️अनार के दानों का नियमित सेवन करें।
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️अपने खाना पकाने में अदरक और मेथी को जरूर शामिल करें।
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काली मिर्च और काला नमक इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लिए एक बेहतरीन उपाय है।
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हींग, अजवायन और सोंठ का पेस्ट बनाकर सुबह शाम गर्म पानी के साथ लेने से आपको इस समस्या से आराम मिलेगा।
यदि आप भी इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या का इलाज करवाना चाहते है तो संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का जरूर से चयन करे। क्युकि यहाँ के अनुभवी डॉक्टर आपको इस समस्या से बाहर निकलवाने में काफी मददगार होंगे।
निष्कर्ष :
उम्मीद करते है कि आपको पता चला गया होगा की क्या है इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या और कैसे हम इस समस्या से खुद को बाहर निकाल सकते है।