आयुर्वेदिक दवाइयां कैसे बवासीर की बीमारी को ठीक करती है ?
मनुष्य का शरीर कई तत्वों में मिल कर बनता है। तरह-तरह के तत्वों से मिलकर बने होने के कारण उसको कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। तो इनमे से उत्पन हुई एक बीमारी जिसे बवासीर के नाम से जाना जाता है। तो हम बात करेंगे की आखिर बवासीर की बीमारी को कौन-सी आयुर्वेदिक दवाइयों की मदद से ठीक कर सकते है।
बवासीर की बीमारी क्या है ?
बवासीर की बीमारी काफी खतरनाक है जिसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;
- पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति को एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से एनस अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में स्किन जमा लेती है, जो बाद में मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के साथ दर्द भी होता है।
- तो वही मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ जाते हैं।
बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर की मदद से भी आप बवासीर की बीमारी के बारे में और विस्तार से जान सकते है।
बवासीर की बीमारी की शुरुआत कैसे होती है ?
इसकी शुरुआत निम्न तरीके से होती है ;
- बवासीर की शुरुआत होने पर मलाशय में लगातार जलन और सूजन होने लगती है। तो वही इसमें मांसपेशियों में सूजन रहती है, जो कि रह-रह कर जलन पैदा करती है। यह सूजन दर्द और परेशानी का कारण भी बनती है और यहां तक कि उठने-बैठने के दौरान भी समस्या बन जाती है। ये आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर, दोनों के दौरान हो सकता है।
यदि आपमें भी बवासीर की शुरुआत हो चुकी है तो बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में इसका उपचार करवाए।
बवासीर की बीमारी से निजात दिलवाने में कौन-सी आयुर्वेदिक दवाई है कारगर ?
निम्न आयुर्वेदिक दवाई की मदद से हम बवासीर की समस्या से निजात पा सकते है ;
- “अर्शकल्प वटी” जोकि एक बेहतरीन बवासीर से निजात दिलवाने वाली आयुर्वेदिक दवा है। इसका उपयोग लोग बवासीर के इलाज में करते है।
- वही यह दवा खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनाई गई है जो बवासीर के सूजन और दर्द को कम करती है। इसके अलावा यह पाचन को भी दुरुस्त रखती है।
- बवासीर होने की वजह से गुर्दे के आस-पास खून जमने लगता है तो इस खून के जमावट को हटाने के लिए नियमित “कांकायन वटी” दवाई का सेवन करना लाभदायक होता है।
- “त्रिफला गुग्गुल” पिप्पली, हरीतकी, गुग्गुल, आंवला से मिलकर बनाया गया है। इसका सेवन करने से बवासीर के कारण जो सूजन और दर्द होता है उसको ठीक किया जा सकता है।
- बवासीर में “अंजीर” का सेवन दर्द और जलन की समस्या से राहत दिलवाता है।
- “मंजिष्ठा” रक्त में गंदगी को साफ़ करता है। इसका उपयोग हम बवासीर के अलावा कैंसर, किडनी स्टोन, दस्त, और पेचिश में भी करते है।
- “हरीतकी” बेहतरीन आयुर्वेदिक दवाई जो बवासीर में मल के दौरान अप्रत्यक्ष मस्सों की गिनती में कमी लाती है।
- “अर्शकल्प” का इस्तेमाल करके आप बवासीर की समस्या से निजात पा सकते है।
आप भी बवासीर की समस्या से निजात पाना चाहते है, तो उपरोक्त दवाइयों को संजीवनी आयुर्वेदा क्लिनिक से लेकर उपयोग में लाए।
निष्कर्ष :
उम्मीद करते है कि आपको पता चल गया होगा की कैसे आयुर्वेदिक दवाइयों की मदद से हम बवासीर की समस्या से खुद का बचाव कर सकते है। इसके अलावा किसी भी तरह की दवाई को प्रयोग में लाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।