डायबिटीज को ठीक करने के लिए कौन-से घरेलु उपाय है कारगर ?

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डायबिटीज को ठीक करने के लिए कौन-से घरेलु उपाय है कारगर ?

  • August 19, 2023

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डायबिटीज या जिसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है, इसे हम तभी कंट्रोल कर सकते है जब हमारे द्वारा अच्छी और हैल्दी डाइट का सेवन किया जाएगा, तो चलिए जानते है आज के लेख के माध्यम से की कैसे हम डायबिटीज की समस्या से खुद का बचाव कर सकते है वो भी आयुर्वेदिक घरेलु उपाय की मदद से ;

क्या है डायबिटीज की समस्या ?

  • हम जो भोजन करते है उससे, शरीर को ग्लूकोज प्राप्त होता है जिसे कोशिकाएं शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में उपयोग करती है। 
  • यदि शरीर में इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो वे अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती है और ब्लड से कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं पहुंचा पाती है। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है और ब्लड में अतिरिक्त ग्लूकोज नुकसानदायक साबित हो सकता है।

डायबिटीज कितने प्रकार के होते है ?

  • आमतौर पर डायबिटीज़ 3 प्रकार के होते है, जैसे –
  • टाइप-1 डायबिटीज। 
  • टाइप-2 डायबिटीज और। 
  • जेस्टेशनल डायबिटीज, जो कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली हाई ब्लड शुगर की समस्या है।

डायबिटीज के दौरान कौन-से लक्षण नज़र आते है ?

  • बहुत अधिक प्यास का लगना। 
  • बार-बार पेशाब का आना। 
  • भूख का अधिक लगना। 
  • अचानक से शरीर का वजन कम हो जाना या बढ़ जाना। 
  • थकान महसूस करना। 
  • चिड़चिड़ापन जैसी समस्या। 
  • आंखों के आगे धुंधलेपन की समस्या। 
  • घाव भरने में बहुत अधिक समय का लगना। 
  • स्किन इंफेक्शन की समस्या। 
  • ओरल इंफेक्शन्स का खतरा 
  • वजाइनल इंफेक्शन्स की समस्या आदि। 

इसके लक्षण ज्यादा खतरनाक होने पर आपको जल्द बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आना चाहिए।

सुझाव :

डायबिटीज के मरीजों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए और किसी भी तरह की समस्या नज़र आने पर बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए। 

डायबिटीज को ठीक करने के लिए कौन-से घरेलु व आयुर्वेदिक उपाय है मददगार ?

  • तुलसी की पत्तियां मददगार है डायबिटीज की समस्या को ठीक करने के लिए। 
  • दालचीनी के पाउडर का सेवन करना भी काफी फायदेमंद है डायबिटीज के रोगियों के लिए। 
  • यदि आप डायबिटीज के रोगी है तो इसके लिए आपको ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए क्युकी यदि आप इसको पीते है तो ये आपके डायबिटीज को नियंत्रित करता है जिससे आप जल्दी ठीक हो सकते है। 
  • सहजन की पत्त‍ियों के रस का सेवन करना भी काफी फायदेमंद माना जाता है डायबिटीज के मरीजों के लिए। 
  • जामुन के बीजों के सेवन से भी आप इस तरह की समस्या से निजात पा सकते है।
  • डायबिटीज के रोगियों के लिए मेथी भी काफी फायदेमंद मानी जाती है, यदि आप मेथी का रोजाना सेवन करते है तो आप डायबिटीज को आसानी से नियंत्रण में कर सकती है।

डायबिटीज की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • मीठा कम खाएं, और शक्कर से भरी रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन खाने से बचें।
  • एक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाएं।
  • पानी ज़्यादा पीएं, मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें। आइसक्रीम, कैंडीज़ खाने से भी परहेज करें।
  • वजन घटाएं और नियंत्रण में रखें।
  • स्मोकिंग और अल्कोहल लेने से परहेज करें।
  • हाई फाइबर डायट खाएं, प्रोटीन का सेवन भी अधिक मात्रा में करें।
  • विटामिन-डी की कमी ना होने दें। क्योंकि, विटामिन डी की कमी से डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है।

सारांश : 

डायबिटीज की समस्या काफी खतरनाक मानी जाती है इसलिए जरूरी है की इस तरह की समस्या से बचाव के लिए आपको अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए और लक्षण सामान्य से भी नज़र आए, तो इसके लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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क्या है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की आयुर्वेदिक दवा व उपचार के तरीके ?

  • August 16, 2023

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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) एक आम बीमारी है और यह बड़ी आंत को प्रभावित करती है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को पेट में दर्द एवं मरोड़ होना, सूजन, गैस, कब्ज और डायरिया होने जैसे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण नज़र आते है। इसके अलावा इस समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है वो भी आयुर्वेदिक उपचार की मदद से इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

क्या है इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) ?

  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतों का रोग है, इसमें पेट में दर्द, बेचैनी व मल करने में परेशानी होती है, इसे स्पैस्टिक कोलन, इर्रिटेबल कोलन, म्यूकस कोइलटिस जैसे नामों से भी जाना जाता है। 
  • यदि लम्बे समय तक इस समस्या को अनदेखा किया गया, तो यह अधिक गम्भीर हो सकती है। कुछ मामलों में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की आंत भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। हालांकि यह बहुत सामान्य नहीं होता है। शुरूआत में खान-पान, जीवनशैली में बदलाव एवं तनाव कम करके इस बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

क्या आयुर्वेद में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का इलाज मौजूद है?

  • इसका इलाज आयुर्वेद में शुरू से मिलता आ रहा है, क्युकि आयुर्वेद बीमारी का इलाज जड़ से करती है और ये समस्या आपके आंत या फिर पेट से जुडी होती है। 
  • इसका इलाज आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों की मदद से किया जाता है, जिससे व्यक्ति को काफी फ़ायदा भी पहुँचता है। 
  • इसके इलाज से बीमारी का जड़ से खात्मा किया जाता है।

यदि आप इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज करवाना चाहते है, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करना चाहिए।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) के क्या लक्षण है ? 

  • कब्ज या दस्त की समस्या। 
  • वजन का कम होना। 
  • भूख में कमी का आना। 
  • बुखार की समस्या आदि। 

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण ज्यादा गंभीर होने पर आप बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करे।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) की आयुर्वेदिक दवा और उपचार क्या है ?

  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम तनाव के कारण होता है, इसलिए इसका बेहतरीन इलाज है की व्यक्ति तनाव से जितना हो सकें दूर रहें। वहीं तनाव कम करने के लिए आप मालिश और अरोमाथेरेपी अपनाए। यदि आप ऐसा करते है तो आपको काफी फ़ायदा होगा और आपकी ये समस्या भी ख़त्म हो जाएगी।  
  • सम्पूर्ण स्वास्थ्य हासिल करने के लिए योग का सहारा लें। 
  • इसके अलावा आप इनके दोषों को कम करने के लिए कुछ हर्बल टॉनिक व आयुर्वेदिक दवाइयां भी लें सकते है।

अगर आप चाहें तो इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक से भी करवा सकते है।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) की आयुर्वेदिक जड़ीबूटियां कौन-सी है ? 

  • आंत या पेट से जुडी समस्या से आप निजात पाना चाहते है तो इसके लिए आपको हरीतकी, शुंठी, पिप्पली, चित्रक को बराबर मात्रा में मिलाना है और सुबह शाम 3 से 6 ग्राम छाछ के साथ लेना है। 
  • 1 ग्लास पानी में त्रिफला चूर्ण भिगोएं, और खाली पेट इस पानी को पिएं। 
  • हिंग्वासक चूर्ण, 1 चम्मच घी, पानी के साथ खाने से पहले लें। 
  • 3 ग्राम इसबगोल, गुनगुने पानी के साथ सोते समय लें 
  • दालचीनी, सौंठ, जीरा बराबर मात्रा में मिलाएं। फिर इसे 1 से 2 ग्राम दिन में 2 या 3 बार मधु (शहद) के साथ लें।

यदि आप समय पर उपरोक्त आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों का सेवन करते है, तो आपको इस तरह की समस्या से निजात मिलता है, पर ध्यान रहें इन दवाइयों को बिना डॉक्टर के सलाह पर न लें।

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBM) के मरीज को क्या खाना चाहिए ?

  • बटर मिल्क या मट्ठा, गुनगुना पानी पिएं। फाइबर युक्त आहार, जैसी चीजों को चबा-चबा कर खाना चाहिए।
  • अदरक, सौंफ, जीरा, लौंग, इलायची, अनार, केला, बेल, सिंघाड़ा, पुराना चावल, लौकी, तौरई, मूंग के सेवन को अपने आहार में जरूर शामिल करें।

सुझाव :

आंत से जुडी समस्या व्यक्ति के लिए पेट से जुडी काफी परेशानी खड़ी कर सकता है, इसलिए जरूरी है की आप इसका इलाज जरूर करवाए। 

निष्कर्ष :

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम या आंत से जुडी समस्या का अगर आप सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको जल्द डॉक्टर का चयन करना चाहिए।