हाॅर्मोनल ग्लैंड के फंक्शन में दिक्कत कैसे एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लिए खतरा हो सकता है ?
एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के कई ग्लैंड का नेटवर्क है, जो हाॅर्मोन बनाने के साथ उसे रिलीज करता है, इससे शरीर के अहम अंग प्रभावी रूप से काम करते है। पर हाॅर्मोनल ग्लैंड के सिस्टम में दिक्कत आ जाए तो कैसे ये एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लिए खतरा हो सकता है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;
एंडोक्राइन डिसऑर्डर क्या है ?
- एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के कई ग्लैंड का नेटवर्क माना जाता है, जो हाॅर्मोन बनाने के साथ उसे रिलीज करता है, इससे शरीर के अहम अंग प्रभावी रूप से काम करते है। यहां तक कि यह हमारे शरीर में कैलोरी को एनर्जी में तब्दील कर हमारे अंगों को पावर सेल्स प्रदान करते है।
- एंडोक्राइन सिस्टम हमारे शरीर के अंगों को प्रभावित करता है। इसके तहत हमारा हार्ट बीट, हडि्डयों व टिशू के विकास और शिशु के विकास में मदद करता है। डायबिटीज और थायराइड डिजीज, ग्रोथ डिसऑर्डर, सेक्सुअल डिसफंक्शन के साथ हाॅर्मोन संबंधी बीमारी के होने में एंडोक्राइन सिस्टम अहम रोल अदा करते है, इससे जुड़ी किसी प्रकार की बीमारी और समस्या को एंडोक्राइन डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है।
- अगर आप एंडोक्राइन डिसऑर्डर की समस्या से ग्रस्त है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
हाॅर्मोनल ग्लैंड में दिक्कत किन कारणों से आती है ?
- हार्मोन्स हमारे शरीर को संतुलित बनाए रखने में मदद करते है। हार्मोन्स एंडोक्राइन ग्रंथि में बनते है। यह रक्त द्वारा शरीर में पहुंचकर अलग-अलग भागों को कार्य करने के निर्देश देते है। अगर हार्मोन्स अंसतुलित हो जाए तो हमें कई गंभीर बिमारियों का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोन्स के असंतुलित होने के कई कारण होते हैं। इसलिए, हमें इस बात का बेहद ध्यान रखना चाहिए कि हार्मोन्स को कैसे संतुलित रखा जाए।
- वहीं जब हमारे द्वारा असंतुलित खाना-खाया जाता है, तो भी हमारे हार्मोन्स पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है।
एंडोक्राइन डिसऑर्डर के बढ़ने और घटने के क्या कारण है ?
- एंडोक्राइन फीडबैक सिस्सटम के फीडबैक से जुड़ी समस्या के कारण एंडोक्राइन डिसऑर्डर का होना।
- किसी बीमारी के कारण होना।
- ग्लैंड का सही प्रकार से हाॅर्मोन का रिसाव न कर पाने की स्थिति में एंडोक्राइन डिसऑर्डर का होना।
- जेनेटिक डिसऑर्डर, जैसे एंडोक्राइन नियोप्लेसिया (पुरुषों में) और कंजेनाइटल हायपोथायरायडिज्म।
- इंफेक्शन के कारण।
- एंडोक्राइन ग्लैंड में इंज्युरी होने के कारण भी इस तरह की समस्या का सामना करना आपको पड़ सकता है।
- एंडोक्राइन ग्लैंड में ट्यूमर होने के कारण भी एंडोक्राइन डिसऑर्डर बढ़ जाते है।
एंडोक्राइन डिसऑर्डर की टेस्टिंग को करवाना क्या है ?
- यदि आपको एंडोक्राइन डिसऑर्डर है तो आपके डॉक्टर आपको एंडोक्रोनोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकते है। एंडोक्राइन सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में एंडोक्रोनोलॉजिस्ट अहम भूमिका अदा करते है।
- एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि समस्या किस ग्लैंड से जुड़ी हुई है। एंडोक्राइन डिसऑर्डर और डिजीज से ग्रसित व्यक्ति खासतौर पर थकान और कमजोरी की शिकायत करते है।
- इस मामले में हमारे डॉक्टर हमें ब्लड और यूरीन टेस्ट का सुझाव भी दे सकते है। ताकि हमारे हाॅर्मोन लेवल की जांच कर यह पता कर सकें कि लोगों को एंडोक्राइन डिसऑर्डर है या नहीं।
- इस टेस्ट को आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में जाकर भी करवा सकते है, पर इसके लिए आपको अनुभवी डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
हाॅर्मोनल ग्लैंड का एंडोक्राइन डिसऑर्डर से क्या है आपसी संबंध ?
दोनों का आपस में गहरा संबंध है, क्युकी हाॅर्मोनल के बिना हमारे शरीर का विकास हो पाना काफी मुश्किल है, तो वहीं एंडोक्राइन डिसऑर्डर का भी इसी के साथ गहरा संबंध है।
सुझाव :
आपके शरीर में हार्मोन का विकास अच्छे से हो रहा है या नहीं इसके बारे में जानने के लिए आप डॉक्टरों का चयन जरूर से करें, पर ध्यान रहें डॉक्टर का अनुभव काफी सालों का होना चाहिए, तभी उस डॉक्टर के द्वारा किया गया इलाज आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
हाॅर्मोनल ग्लैंड और एंडोक्राइन डिसऑर्डर के इलाज के लिए बेस्ट क्लिनिक !
आप चाहें तो अपने एंडोक्राइन डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन कर सकते है, लेकिन ध्यान रहें स्थिति को ज्यादा गंभीर होने न दे।