हाॅर्मोनल ग्लैंड के फंक्शन में दिक्कत कैसे एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लिए खतरा हो सकता है ?

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हाॅर्मोनल ग्लैंड के फंक्शन में दिक्कत कैसे एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लिए खतरा हो सकता है ?

  • September 5, 2023

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एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के कई ग्लैंड का नेटवर्क है, जो हाॅर्मोन बनाने के साथ उसे रिलीज करता है, इससे शरीर के अहम अंग प्रभावी रूप से काम करते है। पर हाॅर्मोनल ग्लैंड के सिस्टम में दिक्कत आ जाए तो कैसे ये एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लिए खतरा हो सकता है, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;

एंडोक्राइन डिसऑर्डर क्या है ?

  • एंडोक्राइन सिस्टम शरीर के कई ग्लैंड का नेटवर्क माना जाता है, जो हाॅर्मोन बनाने के साथ उसे रिलीज करता है, इससे शरीर के अहम अंग प्रभावी रूप से काम करते है। यहां तक कि यह हमारे शरीर में कैलोरी को एनर्जी में तब्दील कर हमारे अंगों को पावर सेल्स प्रदान करते है। 
  • एंडोक्राइन सिस्टम हमारे शरीर के अंगों को प्रभावित करता है। इसके तहत हमारा हार्ट बीट, हडि्डयों व टिशू के विकास और शिशु के विकास में मदद करता है। डायबिटीज और थायराइड डिजीज, ग्रोथ डिसऑर्डर, सेक्सुअल डिसफंक्शन के साथ हाॅर्मोन संबंधी बीमारी के होने में एंडोक्राइन सिस्टम अहम रोल अदा करते है, इससे जुड़ी किसी प्रकार की बीमारी और समस्या को एंडोक्राइन डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है।
  • अगर आप एंडोक्राइन डिसऑर्डर की समस्या से ग्रस्त है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

हाॅर्मोनल ग्लैंड में दिक्कत किन कारणों से आती है ?

  • हार्मोन्स हमारे शरीर को संतुलित बनाए रखने में मदद करते है। हार्मोन्स एंडोक्राइन ग्रंथि में बनते है। यह रक्त द्वारा शरीर में पहुंचकर अलग-अलग भागों को कार्य करने के निर्देश देते है। अगर हार्मोन्स अंसतुलित हो जाए तो हमें कई गंभीर बिमारियों का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोन्स के असंतुलित होने के कई कारण होते हैं। इसलिए, हमें इस बात का बेहद ध्यान रखना चाहिए कि हार्मोन्स को कैसे संतुलित रखा जाए। 
  • वहीं जब हमारे द्वारा असंतुलित खाना-खाया जाता है, तो भी हमारे हार्मोन्स पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है।

एंडोक्राइन डिसऑर्डर के बढ़ने और घटने के क्या कारण है ?

  • एंडोक्राइन फीडबैक सिस्सटम के फीडबैक से जुड़ी समस्या के कारण एंडोक्राइन डिसऑर्डर का होना। 
  • किसी बीमारी के कारण होना। 
  • ग्लैंड का सही प्रकार से हाॅर्मोन का रिसाव न कर पाने की स्थिति में एंडोक्राइन डिसऑर्डर का होना। 
  • जेनेटिक डिसऑर्डर, जैसे एंडोक्राइन नियोप्लेसिया (पुरुषों में) और कंजेनाइटल हायपोथायरायडिज्म। 
  • इंफेक्शन के कारण। 
  • एंडोक्राइन ग्लैंड में इंज्युरी होने के कारण भी इस तरह की समस्या का सामना करना आपको पड़ सकता है। 
  • एंडोक्राइन ग्लैंड में ट्यूमर होने के कारण भी एंडोक्राइन डिसऑर्डर बढ़ जाते है। 

एंडोक्राइन डिसऑर्डर की टेस्टिंग को करवाना क्या है ?

  • यदि आपको एंडोक्राइन डिसऑर्डर है तो आपके डॉक्टर आपको एंडोक्रोनोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकते है। एंडोक्राइन सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में एंडोक्रोनोलॉजिस्ट अहम भूमिका अदा करते है। 
  • एंडोक्राइन डिसऑर्डर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि समस्या किस ग्लैंड से जुड़ी हुई है। एंडोक्राइन डिसऑर्डर और डिजीज से ग्रसित व्यक्ति खासतौर पर थकान और कमजोरी की शिकायत करते है।           
  • इस मामले में हमारे डॉक्टर हमें ब्लड और यूरीन टेस्ट का सुझाव भी दे सकते है। ताकि हमारे हाॅर्मोन लेवल की जांच कर यह पता कर सकें कि लोगों को एंडोक्राइन डिसऑर्डर है या नहीं। 
  • इस टेस्ट को आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में जाकर भी करवा सकते है, पर इसके लिए आपको अनुभवी डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

हाॅर्मोनल ग्लैंड का एंडोक्राइन डिसऑर्डर से क्या है आपसी संबंध ?

दोनों का आपस में गहरा संबंध है, क्युकी हाॅर्मोनल के बिना हमारे शरीर का विकास हो पाना काफी मुश्किल है, तो वहीं एंडोक्राइन डिसऑर्डर का भी इसी के साथ गहरा संबंध है।

सुझाव :

आपके शरीर में हार्मोन का विकास अच्छे से हो रहा है या नहीं इसके बारे में जानने के लिए आप डॉक्टरों का चयन जरूर से करें, पर ध्यान रहें डॉक्टर का अनुभव काफी सालों का होना चाहिए, तभी उस डॉक्टर के द्वारा किया गया इलाज आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

हाॅर्मोनल ग्लैंड और एंडोक्राइन डिसऑर्डर के इलाज के लिए बेस्ट क्लिनिक !

आप चाहें तो अपने एंडोक्राइन डिसऑर्डर को ठीक करने के लिए संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन कर सकते है, लेकिन ध्यान रहें स्थिति को ज्यादा गंभीर होने न दे।

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जानिए पुरुषों में यौन स्वास्थ्य को कैसे बरकरार रखेंगे आयुर्वेदिक उपचार !

  • September 1, 2023

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पुरुषों में यौन शक्ति को लेकर बहुत से लोग बात नहीं कर पाते, क्युकी ऐसे मामलों में उन्हे चर्चा करने में काफी शर्म आती है, पर ये एक काफी गहन चर्चा का विषय है, तो चलिए जानते है की पुरुषों में यौन शक्ति कमजोर होने के क्या कारण नज़र आते है ;

पुरुषों में यौन स्वास्थ्य कमजोर होने के क्या कारण है ?

  • तनाव यौन शक्ति कमजोर करने में एहम भूमिका निभाते है।
  • नींद में कमी भी पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को कमजोर बनाते है।
  • शराब का उपयोग और नशीली दवाओं का दुरुपयोग भी इसके एक कारण में शामिल है।
  • स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिस्फंक्शन) की समस्या।
  • मोटापा भी पुरुषों में यौन स्वास्थ्य कमजोर होने के कारणों में शामिल है।
  • अवसाद के कारण भी पुरुषों में स्तंभन दोष के कई कारण नज़र आते है।

कमजोर यौन स्वास्थ्य के कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए एक बार आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट से जरूर सलाह लें।

कैसे आयुर्वेद की मदद से पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बढ़ाया जा सकता है ?

आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी जड़ीबूटियां है, जिसका सेवन करने से न सिर्फ पुरुषों के यौन स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओ को आप हल कर सकते है, बल्कि इन जड़ीबूटियों की मदद से आप अपने सेहत स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं को भी हल कर सकते है, जैसे ;

  • अश्वगंधा की बात करें तो इसके सेवन से लोगों के सेक्शुअल जीवन में काफी बदलाव आता है। यौन स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए अश्वगंधा बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। इसके सेवन से न सिर्फ टेंशन कम होता है, बल्कि यह अन्य स्वास्थ्य समस्या जैसे थकान को भी दूर करता है।
  • शतावरी जड़ी-बूटी के सेवन से पुरुषों की शक्ति और सहनशक्ति दोनों बढ़ जाती है। इसको आयुर्वेदिक परंपराओं के इंटरनल पावर बूस्टर के नाम से जाना जाता है। जब इसको रेसिस्टेंस ट्रेनिंग के साथ लिया जाता है तो यह जड़ी-बूटी रामबाण साबित हो सकती है। शतावरी को आठ सप्ताह तक सेवन करने वाले लोगों में शरीर में गजब के बदलाव देखने को मिलते है।
  • सफेद मूसली, जड़ी-बूटी के सेवन से पुरुषों की सेक्स प्रॉब्लम दूर हो जाती है। इसके साथ ही इस जड़ी-बूटी से पुरुषों की कमजोरी, शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है। इस जड़ी-बूटी से हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में काफी मदद मिलती है। सफेद मूसली मांसपेशियों के लाभ और पूरे शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
  • कौंच बीज के सेवन से पुरुषों में यौन शक्ति को बढ़ावा मिलता है। कौंच का बीज पुरुषों की कमजोरी को दूर करता है। इससे टेस्टोस्टेरोन में सकारत्मक बदलाव देखने को मिलते है। साथ ही यह जड़ी-बूटी हार्मोन के स्तर को भी बढ़ाता है। जो फिजिकल परफॉर्मेंस और पावर को बढ़ाता है।
  • अकरकरा के सेवन से पुरुषों की शक्ति और सहनशक्ति में बढ़ोतरी हो जाती है। यह एनासाइक्लस पाइरेथ्रम है, दो एंटीऑक्सिडेंट और आवश्यक फैटी एसिड से भरपूर है। इसके सेवन से पुरुषों की सहनशक्ति और मनोदशा में बेहतरीन प्रभाव देखने को मिलता है। साथ ही पुरुषों में एंटीबॉडी भी बनती है। यह शुक्राणुओं की संख्या को भी बढ़ा देते है।
  • जायफल के सेवन से पुरुषों की पौरूष शक्ति में आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ोतरी होती है। जायफल को जैक शक्ति के रूप में भी जाना जाता है। इसके सेवन से पुरुषों की सेक्स परफॉर्मेंस बढ़ जाती है और मांसपेशियों को पोषण देने के लिए भी इसका यूज किया जाता है। वैज्ञानिक अनुसंधान से इस बात की पुष्टि हुई है कि इसके सेवन से शारीरिक शक्ति में एक बेहतर बदलाव देखने को मिलता है।
  • केसर, जड़ी-बूटी का सेवन करने से पुरुषों की मर्दाना ताकत बढ़ जाती है। केसर भूख और रेगुलर कुछ खाने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाकर वजन घटाने में भी सहायक है। यह दुनिया की सबसे कीमती जड़ी-बूटी में से एक है। जिसके सेवन से पुरुषों में सेक्शुअल कमी दूर हो जाती है।

इन सभी जड़ी बूटियों का सेवन करने से पहले एक बार बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

सुझाव :

यौन शक्ति को ठीक करने के लिए डॉक्टर के संपर्क में जरूर से आए।

वहीं यौन शक्ति को मजबूत करने के लिए आप इसका उपचार संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक से भी करवा सकते है।

निष्कर्ष :

उपरोक्त जितनी भी आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों का इस्तेमाल यौन शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है, उनका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर जानकारी हासिल करें।