अपने शरीर के दोषों व प्रकारों के अनुसार जानें की कौन-से आयुर्वेदिक आहार आपके लिए है सहायक ?

AyurvedicHindiUncategorized

अपने शरीर के दोषों व प्रकारों के अनुसार जानें की कौन-से आयुर्वेदिक आहार आपके लिए है सहायक ?

  • September 12, 2023

  • 1126 Views

स्वास्थ्य शरीर के लिए स्वास्थ्य आहार का होना बहुत जरूरी है, वहीं ये स्वास्थ्य आहार कौन-से है, और इनका सेवन कैसे और किस तरह से करना चाहिए, इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे, तो चलिए जानते है की किस तरह के शरीर के लिए किस तरह के आयुर्वेदिक आहार होंगे सहायक ; 

आयुर्वेद में शरीर के दोष कौन-से है ?      

आयुर्वेद में शरीर के दोषों को तीन भागों में विभाजित किया गया है – जिनमे से पहला है वात यानि की वायु दोष है, दूसरा पित्त यानी अग्नि दोष है, तीसरा कफ यानी की पृथ्वी दोष है, तो चलिए जानते है की इन दोषों का हमारे शरीर के साथ कैसा संबंध है ;

वात दोष में किन बातों का रखें ध्यान ;

  • तो बात करें वात दोष की तो इस दोष वाले लोग वायु के सामान होते है। यह ऊर्जा से परिपूर्ण होते है और हमेशा सक्रिय रहते है। शारीरिक रूप से दुबले-पतले और स्वभाव से उत्सुक यह लोग लगातार किसी उत्तेज़न और नए अनुभवों की तलाश में रहते है। इनका जिंदगी और काम के प्रति एक रचनात्मक नज़रिया होता है। 
  • वहीं वात वाले लोग ठण्ड और त्वचा विकारों से परेशान होते है। इन लोगों को नींद कम होने की वजह से ज्यादा आराम की जरूरत होती है।
  • वात दोष में असंतुलन, वजन घटना, कमजोरी, बेचैनी और पाचन समस्याएँ हो सकती है।
  • वहीं वात को नियंत्रण में रखने के लिए भारी और अच्छा भोजन खाएँ। ऐसे लोगों को नमकीन, खट्टा और मिठाई फायदा करती है। इन्हें कड़वा व तीखा भोजन नहीं खाना चाहिए। चावल इनके लिए सर्वोत्तम आहार है। फलों में आम, पपीता, खजूर, अनन्नास और सूखे मेवे आपके लिए ठीक रहेंगे।
  • मसाले, जैसे कि काली मिर्च, जीरा, दालचीनी, इलायची, नमक, सौंफ, लौंग, तुलसी, सरसों, और अजवायन वात को संतुलित रखने में आपकी मदद करते है।

अगर आप वात दोष की समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए। 

अग्नि दोष में किन बातों का रखें ध्यान ;

  • अग्नि की तरह ही इस प्रकार के लोग ऊर्जस्वी और चुनौतियों को पसंद करने वाले है। इसी कारण यह महान नेता बन सकते है और अच्छी प्रबंधन क्षमता रखते है। इन लोगों का पाचन तंत्र अच्छा होता है और साथ ही, इन्हें बहुत भूख भी लगती है। ये लोग अपनी बात को ठीक से समझाने में सक्षम होते है और हर कार्य को बखूबी कर सकते है।
  • पित्त दोष के असंतुलन से जलन, गर्म वातावरण में न रह पाना, चकत्ते और सीने में जलन जैसी दिक्कतें आती है। 
  • इस प्रवृत्ति के लोगों को नमकीन, तीखा, और खट्टा कम खाना चाहिए। मीठे फल, जैसे आम, पका हुआ अनन्नास, संतरे आदि इनके लिए लाभदायक है। खट्टे फलों से परहेज करेंl
  • सब्जियों में हरी व पत्तेदार सब्जियाँ, गोभी, अजवाइन, ओकरा, खीरा, फलियाँ, आलू, सलाद आदि आपके लिए लाभदायक है। लहसुन, प्याज़, गाजर, चुकन्दर, मूली, गर्म मसाला और पालक आदि से परहेज करें।

कफ दोष में किन बातों का रखें ध्यान ;

  • कफ दोष वाले व्यक्तियों की प्रवृत्ति पृथ्वी की तरह शांत, स्थिर और जमीन से जुडी हुई होती है। यह प्यार करने वाले, निष्ठावान और सुर्खियों में रहना पसंद न करने वाले होते है। ये मजबूत, गठीले और धीमी गति वाले होते है। इनको निश्चित दिनचर्या पसंद होती है और धीमे जीवन में खुशी मिलती है। इनका वजन आसानी से बढ़ जाता है।
  • जब इनका कफ असंतुलित हो जाता है, तो वजन बढ़ना, तनाव, ट्यूमर और द्रव प्रतिधारण जैसी समस्या आने लगती है।
  • ऐसे में, हल्का आहार भारीपन को कम करने में काम आता है। कड़वा और तीखा भोजन अच्छा रहता है, परन्तु साथ ही आपको मीठा और नमकीन खाना छोड़ने की सलाह दी जाती है।
  • ये लोग सारी सब्जियाँ खा सकते है, पर मीठी और रसे वाले सब्जियाँ, जैसे शकरकंद और टमाटर खाना इनके लिए ठीक नहीं है। विषहरण करने वाले आहार और जूस कफ से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छे है, क्योंकि यह पाचन तंत्र को ठीक रखते है। 
  • फल, जैसे कि, नाशपाती, सेब, खुबानी आदि शरीर को संतुलित रखने में मदद करते है। आपको केले, संतरे और तरबूज जैसे फलों से परहेज करना चाहिए।

इन तीनों दोषों की समस्या अगर आपके परेशानी का कारण बनें तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का रास्ता चुनना चाहिए।

सुझाव :

अगर आप अपने शरीर को स्वास्थ्य रखना चाहते है, तो इसके लिए आपको आयुर्वेदिक बातों को ध्यान में रख कर ऐसे ही आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए, वहीं इन तीनों दोषों को ठीक रखने के लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक से भी सलाह लेनी चाहिए। 

AyurvedicHindi

शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए कौन-सी चीजें कब खाए इसका आयुर्वेद में हुआ बड़ा खुलासा !

  • September 9, 2023

  • 1055 Views

आयुर्वेद जोकि इलाज से लेकर हमारे शरीर का ध्यान रखने तक हमारी काफी मदद करते है और हमारा अच्छे से ख्याल भी रखते है। लेकिन शरीर का ध्यान रखने में हमारा भी थोड़ा सा योगदान होना चाहिए जैसे – अगर आयुर्वेद में बताया जाए की हमे खाने को कैसे और किस प्रकार से खाना चाहिए और कौन-सी चीजों को अपने खाने में हमे शामिल करना चाहिए, तो अगर हमारे द्वारा इन बातों का ध्यान रख लिया जाए तो हमारे शरीर में किसी भी तरह की समस्या नज़र नहीं आ सकती है, तो चलिए जानते है की वो कौन-सी खाने की चीजें है, जो हमारे शरीर के लिए स्वास्थ्य वर्धक है ;

पूरे दिन में किस तरह के खाने का हमारे द्वारा सेवन किया जाता है !

  • आज के युग के बच्चों की बात की जाए तो उनके द्वारा ऐसे खाने की चीजों का सेवन किया जाता है जिनका हमारे सेहत पर गलत प्रभाव ही पड़ता है। 
  • वहीं हम दिनभर में जो भी खाते या पीते है, जरूरी नहीं है कि वह शरीर के लिए फायदेमंद ही हो। 
  • इसलिए आयुर्वेद में हर चीज के खाने-पीने का समय मौसम और लोगों की शारीरिक बनावट के अनुसार तय किया गया है। 
  • आयुर्वेद के अनुसार क्या और कब खाना चाहिए, इसके बारे में “संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक” के डॉक्टर, ‘डॉ आर वात्स्यायन’ से जानें। 

जैसे की जंक या फ़ास्ट फ़ूड की तरफ आज के युवा ज्यादा मोहित हो रहें है, तो अगर इनका सेवन ज्यादा करने की वजह से शरीर में किसी तरह की समस्या आ जाए तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के सम्पर्क में आना चाहिए।

आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति को किस तरह के आहार को अपने खाने में शामिल करना चाहिए !

  • आयुर्वेद के अनुसार, हर व्यक्ति को अपने भोजन में 6 प्रकार के रस वाले खाने की चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए, अगर वो स्वास्थ्य रहना चाहते है तो। 
  • इन 6 चीजों या रसो की बात करें तो इनमे – मधुर यानि (मीठा), लवण (नमकीन), अम्ल (खट्टा), कटु (कड़वा), तिक्त (तीखा) और कषाय (कड़वा या कसैला) खाने को अपने आहार में जरूर शामिल करें। 
  • अगर आपके द्वारा प्रकृति के अनुसार ही भोजन किया जाता है। तो इससे शरीर में पोषक तत्त्व असंतुलित नहीं होते।

आप चाहे तो बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह भी लें सकते है, इन उपरोक्त खाने की चीजों के बारे में।

आयुर्वेद के अनुसार कैसे तैयार करें स्वास्थ्य वर्धक खाना ?

  • आयुर्वेद के अनुसार सब्जियों को ज्यादा पकाने में अधिक समय न लगाएं। ध्यान रखें, सब्जियां न तो ज्यादा पकी हों और न ही ज्यादा कच्ची। 
  • चीनी की जगह शहद या गुड़, और मैदे की जगह चोकरयुक्त आटा और दलिए का सेवन करें।
  • अदरक का एक बिलकुल छोटा-सा टुकड़ा लें और उसे तवे पर भून लें। फिर इस टुकड़े के ठंडा होने के बाद इस पर थोड़ा-सा सेंधा नमक लगाएं। अब इस टुकड़े को खाना-खाने से करीब पांच मिनट पहले खा लें। ऐसा करने से आपके भूख में इजाफा होगा और पाचन सही रहेगा।
  • जंक फूड में सोडियम, ट्रांसफैट और शर्करा की भरमार होती है। इसलिए इन्हें खाने से परहेज करें। मार्केट में मिलने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाकर रखें।
  • वहीं खाना हमेशा ताजा और गर्म होना चाहिए। क्युकी यह आपके पाचन के लिए बेहतर होता है।

आयुर्वेद के अनुसार रात के खाने में क्या शामिल करें और क्या नहीं !

  • आयुर्वेद में बताया गया है की रात में ज्यादा भोजन करने से पेट भारी हो जाता है, जिससे ऐसिडिटी और नींद न आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। और इसकी वजह से पाचन तंत्र के गड़बड़ होने की भी शिकायत सामने आती है। 
  • आयुर्वेद के अनुसार रात में हमें सिर्फ लो कार्बोहाईड्रेट वाला खाना ही खाना चाहिए, क्योंकि यह आसानी से पच जाता है। इस तरह के खाने का सेवन हमारे सेहत के लिए भी काफी सहायक माना जाता है।

सुझाव :

बेस्ट आयुर्वेदाचार्य “डॉ आर वात्स्यायन” का कहना है की अगर व्यक्ति अपने शरीर को स्वास्थ्य रखना चाहते है, तो इसके लिए उसे अपने रात के खाने को हल्का रखना चाहिए।यदि खाने की चीजों का अच्छे से ध्यान न रखने की वजह से आपके शरीर में किसी तरह की समस्या आ गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए।