आयुर्वेद की मदद से खुजली की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

AyurvedicHindi

आयुर्वेद की मदद से खुजली की समस्या से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • April 26, 2024

  • 182 Views

खुजली की समस्या जोकि कई बार हमे लोगों के सामने शर्मिंदा कर देता है, पर खुजली जैसी समस्या से आयुर्वेद कैसे हमें बाहर निकालेगा ये काफी चर्चा का विषय है, तो अगर आप भी खुजली जैसी समस्या का सामना कर रहें है तो इससे बचाव के लिए आपको आर्टिकल के साथ अंत तक बने रहना है ;

आयुर्वेद में खुजली की समस्या क्या है ?

  • ज्यादातर छोटी-मोटी त्वचा की समस्याएं, जैसे फफोले, स्किन इर्रिटेशन और सूजन, बाहरी कारणों की वजह से हो सकती है। वहीं, आयुर्वेद के अनुसार क्रोनिक स्किन कंडीशन जैसे कि सोरायसिस, एक्जिमा, पुरानी पित्ती, या मुहांसे की वजह आंतरिक कारण होते है। आयुर्वेद की माने तो रक्त, फेफड़े और यकृत में असंतुलन से उत्पन्न विषाक्त पदार्थ स्किन डिजीज का कारण बनते है।
  • वहीं आयुर्वेद की मानें तो इसमें त्वचा की समस्याओं को जन्म देने वाले विषाक्त पदार्थ अतिरिक्त रक्त धातु से उत्पन्न होते है। 
  • इसके अलावा जब हम गर्म खाद्य पदार्थों, शराब, ज्यादा धूप के संपर्क में रहते है या तेज नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते है, तो स्किन डिजीज की संभावना बढ़ जाती है। 

अगर आप भी इसी तरह की खुजली की समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

खुजली के क्या कारण हो सकते है ?

  • कई बार खुजली के कारणों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन ये समस्या कुछ लोगों में फ़ूड एलर्जी के कारण देखी जाती है। 
  • दवाओं से एलर्जिक रिएक्शन भी कुछ लोगों में देखा गया है। 
  • स्किन डिसऑर्डर जैसे, एक्जिमा, सोरायसिस और ड्राई स्किन के कारण। 
  • कॉस्मेटिक और मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से भी ये समस्या निकल कर सामने आती है। 
  • लीवर, किडनी या थायरॉयड रोग भी इसके कारणों में शामिल है। 
  • ऐसे रोग जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते है, जैसे कि डायबिटीज और दाद की समस्या के कारण।

कौन-सी आयुर्वेदिक थेरेपी खुजली की समस्या में है कारगर ?

  • वमन, जोकि आयुर्वेद का बहुत ही बेहतरीन इलाज है, इसमें आपके अंदर मौजूद विषाक्त प्रदार्थ को उलटी के माध्यम से बाहर निकाला जाता है, और साथ ही ये आपके स्किन में खुजली की समस्या का भी समाधान करते है।  
  • यदि आप शरीर में तेज खुजली, या लाल चक्कते पड़ने की समस्या से परेशान है, तो इससे निजात पाने के लिए आप विरेचन क्रिया का चयन कर सकते है। 
  • आंवला, तेल, जौ, वचा आदि से तैयार किए गए आयुर्वेदिक लेप का अगर आप इस्तेमाल करते है, तो आप बड़ी से बड़ी खुजली की समस्या से निजात पा सकते है। वहीं अगर आप चाहें तो इस लेप को बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में जाकर भी लगवा सकते है।
  • उद्वर्थन, भी बेहतरीन खुजली की समस्या से निजात दिलवाने की आयुर्वेदिक दवा है।

खुजली के इलाज में कौन-सी दवाइयां है कारगर ?

  • गंधक रसायन, शरीर में मौजूद दाद, खुजली के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा है। वहीं इस दवाई की बात करें तो ये गुड़, पिप्पली, अदरक, दालचीनी की पत्तियां और छाल, काली मिर्च, शहद आदि जड़ी-बूटियों को मिलाकर तैयार की जाती है।
  • आरोग्यवर्धिनी वटी, दवा न केवल बिमारियों को ठीक करती है, बल्कि पूरी हेल्थ को बेहतर बनाने में हेल्प करती है। इसके इस्तेमाल से दाद, सोरायसिस और एक्जिमा जैसे कई त्वचा रोगों को ठीक करना आसान हो जाता है। 

आयुर्वेद के अनुसार खुजली के मरीज़ को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए !

  • खुजली के मरीज़ को खाने से लेकर पहनने तक का खास ध्यान रखना चाहिए, जैसे खाने की अगर बात करें तो उन्हें, पुराने चावल, मूंग दाल, जौ, ककड़ी, कड़वी पत्तेदार सब्जियां आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
  • हल्का खाना खाएं।
  • सेंधा नमक का सेवन करें।
  • हल्के गुनगुने पानी से नहायें।
  • कैफीन से दूर रहें।
  • आहार और जीवन शैली को मौसम के हिसाब से मैनेज करें।
  • सूती कपड़े पहनें।

सुझाव :

अगर आप खुजली की समस्या से परेशान है, तो इससे निजात पाने के लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए। 

निष्कर्ष :

खुजली के कारणों के बारे में विस्तार से जानने के बाद आप किसी बेहतरीन डॉक्टर का चयन करें, पर ध्यान रखें किसी भी तरह के उपाय को बिना डॉक्टर के सलाह पर न इस्तेमाल करें।

HindiPiles

आयुर्वेदिक दवाइयां कैसे बवासीर की बीमारी को ठीक करती है ?

  • April 19, 2024

  • 249 Views

मनुष्य का शरीर कई तत्वों में मिल कर बनता है। तरह-तरह के तत्वों से मिलकर बने होने के कारण उसको कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। तो इनमे से उत्पन हुई एक बीमारी जिसे बवासीर के नाम से जाना जाता है। तो हम बात करेंगे की आखिर बवासीर की बीमारी को कौन-सी आयुर्वेदिक दवाइयों की मदद से ठीक कर सकते है।

बवासीर की बीमारी क्या है ?

बवासीर की बीमारी काफी खतरनाक है जिसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ; 

  • पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति को एनस के अंदर और बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से एनस अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में स्किन जमा लेती है, जो बाद में मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के साथ दर्द भी होता है। 
  • तो वही मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ जाते हैं। 

बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर की मदद से भी आप बवासीर की बीमारी के बारे में और विस्तार से जान सकते है।

बवासीर की बीमारी की शुरुआत कैसे होती है ?

इसकी शुरुआत निम्न तरीके से होती है ;

  • बवासीर की शुरुआत होने पर मलाशय में लगातार जलन और सूजन होने लगती है। तो वही इसमें मांसपेशियों में सूजन रहती है, जो कि रह-रह कर जलन पैदा करती है। यह सूजन दर्द और परेशानी का कारण भी बनती है और यहां तक कि उठने-बैठने के दौरान भी समस्या बन जाती है। ये आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर, दोनों के दौरान हो सकता है।

यदि आपमें भी बवासीर की शुरुआत हो चुकी है तो बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक में इसका उपचार करवाए।

बवासीर की बीमारी से निजात दिलवाने में कौन-सी आयुर्वेदिक दवाई है कारगर ?

निम्न आयुर्वेदिक दवाई की मदद से हम बवासीर की समस्या से निजात पा सकते है ;

  • “अर्शकल्प वटी” जोकि एक बेहतरीन बवासीर से निजात दिलवाने वाली आयुर्वेदिक दवा है। इसका उपयोग लोग बवासीर के इलाज में करते है। 
  • वही यह दवा खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनाई गई है जो बवासीर के सूजन और दर्द को कम करती है। इसके अलावा यह पाचन को भी दुरुस्त रखती है।
  • बवासीर होने की वजह से गुर्दे के आस-पास खून जमने लगता है तो इस खून के जमावट को हटाने के लिए नियमित “कांकायन वटी” दवाई का सेवन करना लाभदायक होता है।
  • “त्रिफला गुग्गुल” पिप्पली, हरीतकी, गुग्गुल, आंवला से मिलकर बनाया गया है। इसका सेवन करने से बवासीर के कारण जो सूजन और दर्द होता है उसको ठीक किया जा सकता है। 
  • बवासीर में “अंजीर” का सेवन दर्द और जलन की समस्या से राहत दिलवाता है।
  • “मंजिष्ठा” रक्त में गंदगी को साफ़ करता है। इसका उपयोग हम बवासीर के अलावा कैंसर, किडनी स्टोन, दस्त, और पेचिश में भी करते है। 
  • “हरीतकी” बेहतरीन आयुर्वेदिक दवाई जो बवासीर में मल के दौरान अप्रत्यक्ष मस्सों की गिनती में कमी लाती है।
  • “अर्शकल्प” का इस्तेमाल करके आप बवासीर की समस्या से निजात पा सकते है। 

आप भी बवासीर की समस्या से निजात पाना चाहते है, तो उपरोक्त दवाइयों को संजीवनी आयुर्वेदा क्लिनिक से लेकर उपयोग में लाए।
निष्कर्ष :

उम्मीद करते है कि आपको पता चल गया होगा की कैसे आयुर्वेदिक दवाइयों की मदद से हम बवासीर की समस्या से खुद का बचाव कर सकते है। इसके अलावा किसी भी तरह की दवाई को प्रयोग में लाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।