क्या पीसीओडी में गर्भवती होना संभव है ?
पीसीओडी को पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी कहा जाता है, जो महिला के प्रजनन क्षमता के साथ काफी छेड़छाड़ करती है | यह महिलाओं में होने बांझपन जैसे स्थिति का एक सामान्य और उपचार योग्य कारण हो सकता है | अगर आप काफी लम्बे समय गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे है पर फिर भी सफल नहीं हो रहे है तो बेहतर यही है की आप डॉक्टर के पास जाकर अच्छे से इलाज करवाएं |
संजीवनी आयुर्वेदशाला के सीनियर डॉक्टर जो की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में में एक्सपर्ट है, उनका मानना है की वैसे तो पीसीओडी स्थिति में गर्भधारण करना संभव है , लेकिन कई महिलाएं ऐसी भी है जिनको इस स्थिति में गर्भधारण करने में परेशानी आती है | जिस वजह से यह महिलाएं एलोपैथिक दवाइयों का सहारा लेती है जो उनकी सेहत पर काफी दुष्प्रभाव डालता है | आइये सबसे पहले पीसीओडी के लक्षण के बारे जान लेते है :-
- महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म से गुजरना |
- महिलाओं में लम्बे समय तक मासिक धर्म का न आना या फिर यह समस्या काफी लंबे से चल रहा हो |
- लम्बे समय तक भारी रक्तस्राव का होना या फिर गर्भाशय के परत सामान्य से भी अधिक मोटा होना |
- हिर्सुटिज़्म की समस्या से गुजरना, इस समस्या में महिला के शरीर के कई अंगो में जैसे की पीठ, पेट, छाती और चेहरे पर अत्यधिक बाल उग जाते है |
पीसीओडी के मुख्य लक्षण क्या है ?
- एण्ड्रोजन का लेवल बढ़ जाना :- महिला में एण्ड्रोजन नामक एक पुरुष हार्मोन की छोटी सी मात्रा होती है , हलाकि यह हार्मोन पीसीओडी की वजह से काफी मात्रा में बढ़ जाते है जो की अंडाशय में अंडे को विकसित होने में रोकने का कार्य करता है | इस कारण महिलाओं के शरीर में काफी बाल उग जाते है |
- इन्सुलिन का उच्च स्तर होना :- इन्सुलिन महिला के शरीर हार्मोन ग्लूकोज स्तर को नियंत्रित करने का कार्य करता है, लेकिन पीसीओडी इस क्रिया में प्रतिबंध लगाने का कार्य करती है |
पीसीओडी के लिए आयुर्वेदिक उपचार :-
इस समस्या का अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से उपचार करवाना चाहते हो तो आप संजीवनी आयुर्वेदशाला का चयन कर सकते है | यहाँ के डॉक्टर अंशु वात्स्यायन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में एक्सपर्ट्स है जो की आपको जड़ी-बूटियों के जरिये पीसीओडी को कम करने में सहायता करेगी |