जानिए 7 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां कैसे माहवारी के दर्द में मददगार है ?
माहवारी जिसे पीरियड्स के नाम से भी जाना जाता है। वही हर महीने के पांच से छेह दिन महिलाओं के लिए बहुत दर्द भरा होता है। पर इस दर्द को आयुवेद की मदद से कम किया जा सकता है, वो भी बिना किसी नुकसान के। तो आज के आर्टिकल में हम प्रस्तुत करेंगे की कैसे आयुवेद माहवारी के दर्द व ऐंठन से महिलाओं को बाहर निकालने में मददगार साबित होगा ;
माहवारी से आप क्या समझते है?
- पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते है।
- यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है। लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार कर रहा है।
- इसके अलावा पीरियड्स के दौरान आपका शरीर अपनी एनर्जी का अधिकांश हिस्सा एएमए (विषाक्त पदार्थों) को प्रजनन तंत्र से बाहर निकाल कर उसे साफ करने में इस्तेमाल करता है। जिससे नई रक्त कोशिकाएं इस नुकसान की भरपाई करने में मदद करती है। पर यह तभी संभव है जब आप अपने शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
माहवारी में और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
माहवारी कितने दिन में आती है?
- पीरियड्स की बात करें तो, ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है जो अनुमानत: हर 28 दिनों में आता है।
- वही जब पहला मासिक धर्म शुरू होता है तो अगला मासिक धर्म 3-6 सप्ताह के बीच कभी भी आ सकता है। और यह 21 या 40 दिनों तक चल सकता है।
माहवारी के दर्द को कम करने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां !
- पहला आयुर्वेदिक उपचार है ‘अजवायन’, बता दे की माहवारी के दर्द और ऐंठन को कम करने में काफी मददगार है ये औषधि, बस इसमें आपको करना ये है की एक गिलास पानी में चुटकी भर अजवायन डालें और उसको उबालें, उबालने के बाद आप उसमे शहद डालें और दिन में दो से तीन बार जरूर से पीएं।
- माहवारी के दर्द से राहत दिलाने का पुराना नुस्खा है ‘मेथी का दाना’। वही इसमें आप एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी के दानें रात भर भिगोएं। अगली सुबह पानी को छानकर पी जाए।
- पीरियड शुरू होने से कम से कम 3 से 5 दिन पहले से चीनी की जगह पर ‘गुड़’ को अपने आहार में शामिल करें।
- ‘एलोवेरा’ किसी भी महिला के लिए बहुत उपयोगी है। इसका इस्तेमाल करके हम पीरियड्स में होने वाली ऐंठन से राहत पा सकते है। इसके लिए आपको सुबह खाली पेट एलोवेरा का एक गिलास रस पीना है।
- ‘तिल का तेल’ भी पीरियड के दर्द को कम करता है बस इसको आप गर्म करके हल्के हाथ से अपने पेट के ऊपर मालिश करें।
- ‘कचुर’ को पीरियड्स के दर्द को कम करने की काफी अच्छी औषधि मानी जाती है।
- ‘भूटाकेसी’ जोकि पीरियड्स में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
यदि आप “कचुर या भूटाकेसी” जैसे आयुर्वेदिक औषधि लेना चाहते है, तो इसके लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करें।
सुझाव :
माहवारी के दिनों में महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना चाहिए और साथ ही इसके दर्द से हम कैसे निजात पा सकते है इसके बारे में जानने के लिए आप संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन कर सकते है।
निष्कर्ष :
पीरियड्स के दौरान पेट का दर्द बहुत ही दर्दनाक मंजर होता है महिलाओं के लिए इसलिए इस दौरान होने वाले दर्द से खुद का बचाव करने के लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।