जानिए 7 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां कैसे माहवारी के दर्द में मददगार है ?

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जानिए 7 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां कैसे माहवारी के दर्द में मददगार है ?

  • July 15, 2023

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माहवारी जिसे पीरियड्स के नाम से भी जाना जाता है। वही हर महीने के पांच से छेह दिन महिलाओं के लिए बहुत दर्द भरा होता है। पर इस दर्द को आयुवेद की मदद से कम किया जा सकता है, वो भी बिना किसी नुकसान के। तो आज के आर्टिकल में हम प्रस्तुत करेंगे की कैसे आयुवेद माहवारी के दर्द व ऐंठन से महिलाओं को बाहर निकालने में मददगार साबित होगा ;

माहवारी से आप क्या समझते है?

  • पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते है। 
  • यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है। लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार कर रहा है।
  • इसके अलावा पीरियड्स के दौरान आपका शरीर अपनी एनर्जी का अधिकांश हिस्‍सा एएमए (विषाक्त पदार्थों) को प्रजनन तंत्र से बाहर निकाल कर उसे साफ करने में इस्‍तेमाल करता है। जिससे नई रक्त कोशिकाएं इस नुकसान की भरपाई करने में मदद करती है। पर यह तभी संभव है जब आप अपने शरीर को पूरी तरह से आराम दें।

माहवारी में और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।

माहवारी कितने दिन में आती है?

  • पीरियड्स की बात करें तो, ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है जो अनुमानत: हर 28 दिनों में आता है। 
  • वही जब पहला मासिक धर्म शुरू होता है तो अगला मासिक धर्म 3-6 सप्ताह के बीच कभी भी आ सकता है। और यह 21 या 40 दिनों तक चल सकता है।

माहवारी के दर्द को कम करने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां !

  • पहला आयुर्वेदिक उपचार है ‘अजवायन’, बता दे की माहवारी के दर्द और ऐंठन को कम करने में काफी मददगार है ये औषधि, बस इसमें आपको करना ये है की एक गिलास पानी में चुटकी भर अजवायन डालें और उसको उबालें, उबालने के बाद आप उसमे शहद डालें और दिन में दो से तीन बार जरूर से पीएं। 
  • माहवारी के दर्द से राहत दिलाने का पुराना नुस्‍खा है ‘मेथी का दाना’। वही इसमें आप एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी के दानें रात भर भिगोएं। अगली सुबह पानी को छानकर पी जाए।
  • पीरियड शुरू होने से कम से कम 3 से 5 दिन पहले से चीनी की जगह पर ‘गुड़’ को अपने आहार में शामिल करें। 
  • ‘एलोवेरा’ किसी भी महिला के लिए बहुत उपयोगी है। इसका इस्‍तेमाल करके हम पीरियड्स में होने वाली ऐंठन से राहत पा सकते है। इसके लिए आपको सुबह खाली पेट एलोवेरा का एक गिलास रस पीना है।
  • ‘तिल का तेल’ भी पीरियड के दर्द को कम करता है बस इसको आप गर्म करके हल्के हाथ से अपने पेट के ऊपर मालिश करें। 
  • ‘कचुर’ को पीरियड्स के दर्द को कम करने की काफी अच्छी औषधि मानी जाती है।
  • ‘भूटाकेसी’ जोकि पीरियड्स में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है।

यदि आप “कचुर या भूटाकेसी” जैसे आयुर्वेदिक औषधि लेना चाहते है, तो इसके लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करें।

सुझाव :

माहवारी के दिनों में महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना चाहिए और साथ ही इसके दर्द से हम कैसे निजात पा सकते है इसके बारे में जानने के लिए आप संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन कर सकते है। 

निष्कर्ष :

पीरियड्स के दौरान पेट का दर्द बहुत ही दर्दनाक मंजर होता है महिलाओं के लिए इसलिए इस दौरान होने वाले दर्द से खुद का बचाव करने के लिए आपको उपरोक्त बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।

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पाचन क्रिया का ध्यान न रखने से कैसे बढ़ सकती है पेट की बीमारियां !

  • July 8, 2023

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पेट या (पाचन क्रिया), जोकि व्यक्ति के शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इसलिए इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। लेकिन किसी कारणवश या गलत खान-पान की वजह से इनमे किसी तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाए तो कैसे हम ऐसे में खुद का बचाव कर सकते है इसके बारे में आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे, इसलिए लेख को अंत तक जरूर पढ़े ;

पेट में समस्या क्यों उत्पन्न होती है?

  • जब हमारे द्वारा कुछ ऐसे खाने की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे हमारी पाचन क्रिया सहन नहीं कर पाती तब पेट में समस्या उत्पन्न होती है।
  • अन्य, अधिक गंभीर कारणों में एपेंडिसाइटिस, उदर महाधमनी धमनीविस्फार, आंत्र रुकावट, कैंसर और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स शामिल है।
  • वही बहुत अधिक खाने या ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पेट में अस्थायी सूजन हो सकती है जो गैस का कारण बनते है। हालांकि, यदि सूजन अक्सर हो, तो यह आहार संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है

पेट में समस्या के कारण कौन-कौन सी बीमारियां उत्पन्न होती है ?

  • पेट में जुडी बीमारियों के बारे में बात करें तो इसमें सबसे पहले “डायवर्टिक्युलाइटिस पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारी” सामने आती है। वही इस बीमारी में आंतों की दीवारों पर संक्रमण फैल जाता है, जिससे आंतों में सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • कठोर मल से आपके गुदा की परत में दर्द, जलन और कई बार ब्लीडिंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिससे “बवासीर की समस्या” और बढ़ सकती है। 
  • लगातार रहने वाला कब्ज “मोटापे की समस्या” को और बढ़ा सकती है। दरअसल, मोटापे के मरीजों का मेटाबोलिज्म बहुत स्लो होता है जो कि लगातार पेट साफ ना होने के कारण और स्लो हो सकता है। जिसके कारण मोटापे की समस्या भी अपने साथ कई तरह की बीमारियों को उत्पन्न कर देता है। 
  • “इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम” (IBS) की समस्या तब बढ़ती है जब हमारे द्वारा पेट का अच्छे से ध्यान नहीं रखा जाता। और इस समस्या के कारण पेट में दर्द एवं मरोड़ होना, सूजन, गैस, कब्ज और डायरिया की समस्या उत्पन्न होती है।
  • अचानक से “शुगर का लो होना” भी पेट की समस्या मे शामिल है। 

अगर आप चाहते है की आपके पेट की बीमारी का खात्मा हो जाए, तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक के संपर्क में आना चाहिए।

पेट की बीमारियों से कैसे करें खुद का बचाव ?

  • अगर आपके पेट में तमाम बीमारियां उत्पन्न हो गई है जैसे पेट में जलन, मरोड़, असहनीय दर्द तो सबसे पहले आपने अपने खाने-पीने की चीजों में स्वास्थ्य आहार को शामिल करना है। 
  • और दूसरी बात किसी भी तरह की समस्या आने पर बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें।
  • एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। 

पेट की समस्या से निजात पाने के लिए बेस्ट हॉस्पिटल या क्लिनिक !

  • पेट में सामान्य सी भी समस्या का उत्पन्न होना व्यक्ति की परेशानियां को और बड़ा सकता है, इसलिए आप इन समस्याओ से छुटकारा पाना चाहते है तो इसके लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए। वही अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा इस क्लिनिक में मरीजों का इलाज काफी अच्छे तरीके से किया जाता है।

निष्कर्ष :

पेट का ध्यान रखना व्यक्ति के लिए काफी जरूरी है क्युकि अगर हमारी पाचन क्रिया ही ख़राब रहेगी तो हमारा सम्पूर्ण स्वास्थ्य तो वैसे भी ख़राब ही रहेगा इसलिए पेट में अगर सामान्य सी भी समस्या उत्पन्न हो जाए तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।