गर्मियों के मौसम में आप आयुर्वेद की मदद से कैसे अपनी त्वचा को चमकदार बना सकते है ?
गर्मियों के मौसम में अक्सर आपने और हमने देखा होगा की हर व्यक्ति की त्वचा रूखी और बेजान होती है। पर इस गर्मी के मौसम में हम कैसे खुद का बचाव कर सकते है, वो भी आयुर्वेद की मदद से इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे, तो अगर आप भी अपनी गर्मियों की रूखी और बेजान त्वचा से परेशान है, तो इससे बचाव के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में आज के लेख में चर्चा करेंगे ;
आयुर्वेद के अनुसार त्वचा को कैसे समझे ?
- यह समझने के लिए कि कौन-से आयुर्वेदिक त्वचा देखभाल उत्पाद आपके लिए सबसे उपयुक्त है, अपनी आयुर्वेदिक त्वचा के प्रकार को समझना आवश्यक है। वहीं आयुर्वेद हमारे शरीर के प्रकार को तीन दोषों – वात, पित्त और कफ के अनुसार बाटते है। ये त्रिदोष हमारी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विशेषताओं की व्याख्या करते है। और प्रत्येक व्यक्ति में इन तीन दोषों का एक अनूठा संतुलन होता है – इन तीनों में से सबसे प्रमुख आपकी शारीरिक विशेषताओं और शरीर के प्रकार को निर्धारित करता है। ये त्रिदोष हमारी त्वचा के प्रकार पर भी प्रभाव डालते है। आपकी त्वचा के प्रकार को समझने से आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि कौन सी जड़ी-बूटियाँ और फॉर्मूलेशन आपकी त्वचा पर बेहतर प्रभाव डालेंगे।
- वात दोष में त्वचा पर पतली, शुष्क, छूने पर ठंडी और महीन रेखाओं और झुर्रियों से ग्रस्त होती है। इस प्रकार की त्वचा निर्जलित होती है, इसलिए उन्हें खूब सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए। उन्हें तिल के तेल और तेल-आधारित मॉइस्चराइज़र का उपयोग करना चाहिए और अत्यधिक एक्सफोलिएशन से बचना चाहिए। वात त्वचा के लिए अश्वगंधा, सतावरी आदि जड़ी-बूटियों की सिफारिश की जाती है।
- पित्त त्वचा संवेदनशील, तैलीय होती है, और भड़कने और फटने का खतरा होता है। यह आसानी से टैन हो जाती है। पित्त त्वचा को कैफीन, कठोर रसायनों और सूरज के अत्यधिक संपर्क से बचना चाहिए। और ऐसी त्चचा के लिए आपको एलोवेरा , ककड़ी, चंदन और गुलाब जैसी ठंडी और सुखदायक जड़ी-जडीबुटियों को शामिल करना चाहिए।
- कफ त्वचा मोटी, तैलीय और बढ़े हुए छिद्रों वाली होती है। उन्हें अपनी त्वचा को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। नीम, हल्दी और पवित्र तुलसी वाले आयुर्वेदिक त्वचा देखभाल उत्पाद कफ त्वचा को संतुलित करने में मदद करते है।
आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के मौसम में हम अपनी त्वचा की देखभाल कैसे कर सकते है ?
- खुद को जितना हो सकें हाइड्रेटेड रखें, यह सूखापन और परतदारपन से लड़ने में मदद कर सकता है। सादे पानी के बजाय, सौंफ, धनिया, चंदन और वेटीवर जैसी ठंडी जड़ी-बूटियों वाला पानी पियें।
- अपनी त्वचा को रोजाना सौम्य, हर्बल फेसवॉश से धोएं। एक हर्बल फेसवॉश चुनें जो आपकी त्वचा के लिए उपयुक्त हो – उदाहरण के लिए, वात के लिए अश्वगंधा आधारित फेसवॉश, पित्त के लिए चंदन फेसवॉश, और कफ त्वचा के लिए नीम फेसवॉश।
- अपनी त्वचा को टैन से बचाने के लिए नहाने से पहले नाल्पामराडी केरम जैसे सुखदायक बॉडी ऑयल का उपयोग करें। तेल मालिश त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करती है।
- अपने छिद्रों को खोलने और गंदगी और मृत त्वचा को हटाने के लिए नियमित रूप से एक्सफोलिएट करें। और इसके लिए आप सप्ताह में एक बार दलिया या स्वर्णमुखी फेस पैक का उपयोग कर सकते है।
- चंदन, ककड़ी, या एलोवेरा जैसी सुखदायक सामग्री वाला हर्बल फेस पैक चुनें।
- मसालेदार और खट्टे भोजन से बचें. इससे पित्त का असंतुलन हो सकता है और आपकी त्वचा में जलन हो सकती है। सुखदायक, आसानी से पचने योग्य और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। तरबूज जैसे पानी से भरपूर फल खाएं।
- हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें और अपना चेहरा ढकने का प्रयास करें।
इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाने से पहले एक बार बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
गर्मियों में त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए कौन-से आयुर्वेदिक उपचार सहायक माने जाते है !
- सूरज के अधिक संपर्क में रहने से लालिमा, संवेदनशीलता और यहां तक कि छाले भी हो सकते है। तो इससे बचाव के लिए आपको एलोवेरा सनबर्न का चयन करना चाहिए घमौरियाँ या घमौरियाँ तब होती है, जब पसीने की ग्रंथियाँ अवरुद्ध हो जाती है, जिससे त्वचा पर छोटे, खुजलीदार दाने हो जाते है। नीम की पत्तियों को उबाले और हल्का ठंडा होने पर आपको इससे स्नान करना चाहिए।
- गर्मी और नमी से मुहांसे और दाने हो सकते है। अधिक पसीना और सीबम रोमछिद्रों को बंद कर सकता है, जिससे मुहांसे हो सकते है। गैर-कॉमेडोजेनिक मॉइस्चराइज़र और सनस्क्रीन लगाएं और दिन में दो बार अपना चेहरा साफ़ करें। खूब सारे तरल पदार्थ पियें और कैफीन से दूर रहें। हफ्ते में एक बार नीम और हल्दी का फेस पैक लगाएं।
- सूरज के अत्यधिक संपर्क से त्वचा क्षतिग्रस्त हो जाती है और काले धब्बे हो जाते है। कम से कम एसपीएफ 30 वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाएं। हल्दी और दूध का फेस पैक काले धब्बों को कम करने में मदद कर सकते है।
- गर्मी के दौरान पसीना एक्जिमा को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए अपने आप को हाइड्रेटेड रखें और ढीले-ढाले कपड़े पहनें। रासायनिक सनस्क्रीन से बचें और जिंक या टाइटेनियम ऑक्साइड जैसे अवयवों वाले भौतिक सनस्क्रीन का उपयोग करें।
इन आयुर्वेदिक उपायों का भी अगर आपकी त्वचा पर किसी प्रकार का कोई असर न दिखें, और आपकी त्वचा और ख़राब होते जा रहीं है, तो इससे बचाव के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करना चाहिए।
गर्मियों में त्वचा को बेहतरीन बनाने के लिए कौन-से आयुर्वेदिक आहार सहायक माने जाते है ?
- मसालेदार, खट्टे और नमकीन खाद्य पदार्थों से बचें क्योंकि ये पित्त को बढ़ाते है। पित्त-संतुलन और ठंडक देने वाले खाद्य पदार्थ जैसे खीरा, अंगूर, नाशपाती, करेला, हरी पत्तेदार सब्जियाँ आदि का सेवन करें।
- फ़िज़ी पेय और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि ये पाचन में बाधा डालते है।
- बेल का जूस, सत्तू और आमपन्ना जैसे घर में बने तरल प्रदार्थ को पिएं। इसके अलावा आसानी से पचने योग्य, तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- नारियल पानी भी आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद माने जाते है।
- धनिया में विटामिन-ए, विटामिन-सी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है। यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है। ग्लोइंग स्किन के लिए आप धनिया के पानी का सेवन कर सकते है। इसके लिए धनिया की पत्तियों को पानी में मिलाकर डिटॉक्स ड्रिंक तैयार कर सकते है।
- त्रिफला में औषधीय गुण पाए जाते है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में भी किया जाता है। यह पाचन तंत्र को साफ करने में मदद करता है। जिससे स्किन की भी चमक बरकरार रहती है। ऐसे में आप त्रिफला पाउडर का सेवन कर सकते है।
सुझाव :
त्वचा पर किसी भी तरह के उपाय को अपनाने से पहले के बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें, वहीं गंभीर त्वचा के रोग की स्थिति उत्पन्न होने पर किसी भी तरह के उपाय को अपनाने से पहले इसके इलाज के लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना चाहिए।
ध्यान रखें :
त्वचा एक कीमती तौफा है व्यक्ति के संपूर्ण शरीर में इसलिए इसके बचाव के लिए आपको ऐसे खाने की चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, जिसका असर आपकी त्वचा पर गलत पड़े और अगर किसी आयुर्वेदिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स का असर आपकी त्वचा पर गलत पडे तो इससे बचाव के लिए आपको डॉक्टर का चयन करना चाहिए।
निष्कर्ष :
त्वचा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, इसलिए इसमें किसी भी तरह की समस्या नज़र आए तो इससे बचाव के लिए आपको इन उपायों को अपनाना चाहिए और अगर इससे आपकी त्वचा में किसी भी तरह का कोई फर्क न नज़र आए तो इसके लिए आपको डॉक्टर का चयन करना चाहिए।