आयुर्वेद में है सभी रोगों का बेहतरीन उपचार !
आयुर्वेद की दवाइयां पुरातन समय से ही चलती आ रही है और लोगों का इस दवाई पर काफी यकीन भी होता है, शायद लोगों के यकीन की वजह से ही ये दवाई आज तक भी चलती आ रही है और लोगों पर इस दवाई का असर भी काफी अच्छा होता है। इसके अलावा इस दवाई का क्या फ़ायदा है और साथ ही क्या सभी प्रकार के रोगो का इसमें इलाज है या नहीं इसके बारे में भी बात करेंगे, तो शुरुआत करते है आर्टिकल की ;
आयुर्वेद की दवाइयां क्या है ?
- आयुर्वेद में दवाइयां पुराने समय से ही चलती आ रही है और इस दवाई का असर लोगों पर काफी अच्छा भी होता है अगर लोग उस चीज पर यकीन करें तो।
- तो वही आयुर्वेदिक दवाएं पौधों, जानवरों के अर्क और खनिजों पर आधारित हैं, दोनों एकल घटक दवाओं और यौगिक योगों में हैं, हालांकि, आयुर्वेद किसी भी पदार्थ को दवा के संभावित स्रोत के रूप में उपयोग करने से इंकार नहीं करता है।
- तो वही आयुर्वेद में कहा जाता है कि इस धरती पर पाई जाने वाली हरेक जड़, पत्ता, पेड़ की छाल का औषधीय गुण जरूर है।
आयुर्वेद दवाइयों के बारे में और विस्तार से जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन जरूर से करें।
आयुर्वेद में कौन-कौन सी बीमारियों की दवा मौजूद है ?
आयुर्वेद में ये बात निर्भर करती है की व्यक्ति की बीमार कैसी है।
- वही आयुर्वेद में व्यक्ति को किसी भी तरह की दवाई को खुद से नहीं लेना चाहिए बिना डॉक्टर के परामर्श से।
- आयुर्वेद में डायबटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पेट संबंधी हर तरह की बीमारियों का हल है।
अगर आप चाहे तो इन बीमारियों से संबंधित दवाइयां बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से भी ले सकते है।
क्या आयुर्वेद में सभी बीमारियों की बेहतरीन दवाई है ?
- आयुर्वेद में सभी बीमारियों की दवाई मौजूद है लेकिन हां अगर आपकी बीमारी ज्यादा जटिल है तो इसके लिए आपको एलोपैथी दवाई का चुनाव करना चाहिए।
- दूसरी और आप एलोपैथी दवाई के साथ आयुर्वेद दवाई को भी जारी रख सकते है क्युकी अंग्रेजी दवाई आपकी बीमारी को मौजूदा हालात में सही कर देगी और साथ ही अगर आप आयुर्वेदिक दवाई का प्रयोग कर रहे है तो ये दवाई आपकी बीमारी का जड़ से खात्मा करने में काफी सहायक साबित होती है।
आयुर्वेदिक दवाइयों को लेने का उचित समय क्या है ?
- आयुर्वेदिक या अन्य किसी भी दवाई, को लेने के लिए पेट का ‘दिमाग की सही अवस्था’ में होना आवश्यक है।
- इन दवाइयों को लेने की बात करे तो सूर्योदय के समय, दिन के समय भोजन करते समय, शाम के भोजन करते समय और रात में इन दवाओं को लेने का सही समय तय माना जाता है।
- अगर आपने आयुर्वेदिक दवाई लेने की शुरुआत कर दी है तो जब तक इसका पूरा डोस ख़त्म न हो जाए तब तक इसको न छोड़े।
अगर आप भी आयुर्वेद के जरिये अपनी दवाई करवाने की शुरुआत करना चाहते है तो इसके लिए आपको उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखना है और इसके उपचार के लिए आपको संजीवनी आयुर्वेदशाला क्लिनिक का चयन करना है। लेकिन ध्यान रहे किसी भी तरह की दवाई का सेवन खुद से ना करें।
निष्कर्ष :
दवाई चाहें आयुर्वेदिक हो या एलोपैथिक हो इसमें बस इस बात का ध्यान रखना है कि इसको प्रयोग में लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले।